आदिवासी समुदाय को जल, जंगल, जमीन के बारे में जागरूक किया
रायपुर- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने महान आदिवासी जननेता और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बिरसा मुंडा की जयंती 15 नवम्बर पर उन्हें नमन किया है. मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में कहा है कि बिरसा मुण्डा जी ने आदिवासी समुदाय को जल, जंगल, जमीन के बारे में जागरूक किया और उन्हें अपने हक
की लड़ाई लड़ने की प्रेरणा दी. उन्होंने तत्कालीन ब्रिटिश साम्राज्य की नीतियों का विरोध किया और आदिवासियों के सामाजिक-आर्थिक उन्नति के लिए जीवन भर काम किया. वे वास्तव में एक जननायक थे. आदिवासी समुदाय उन्हें भगवान की तरह पूजता है. उनके क्रांतिकारी विचार और देश प्रेम की भावना आज भी लोगों को प्रेरित करती है.
हिंदुस्तान में स्वतंत्रता संग्राम के दौरान वीर भूमि पर ऐसे कई सूर्य वीर पैदा हुए. जिन्होंने इतिहास में अपना नाम स्वर्णाक्षरों से लिखवाया. एक छोटी सी आवाज को नारा बनने में देर नहीं लगती बस दम उस आवाज को उठाने वाले में होना चाहिए और इसकी जीती जागती मिसाल थे बिरसा मुंडा. बिरसा मुंडा ने बिहार और झारखंड के विकास और भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में अहम रोल निभाया. अपने कार्यों और आंदोलन की वजह से बिहार और झारखंड में लोग बिरसा मुंडा को भगवान की तरह पूजते हैं. बिरसा मुंडा ने मुंडा विद्रोह पारम्परिक भू-व्यवस्था के जमींदारी व्यवस्था में बदलने के कारण किया. बिरसा मुण्डा ने अपनी सुधारवादी प्रक्रिया के तहत सामाजिक जीवन में एक आदर्श प्रस्तुत किया. ब्रिटिश सत्ता के अस्तित्व को अस्वीकारते हुए अपने अनुयायियों को सरकार को लगान न देने का आदेश दिया था.
बिरसा मुंडा की जयंती पर जनजातीय गौरव दिवस
झारखंड के मुंडा जनजाति से ताल्लुक रखने वाले भगवान बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर 1875 को हुआ था. 19वीं शताब्दी के अंत में ब्रिटिश शासन के दौरान आदिवासी बेल्ट के बंगाल प्रेसीडेंसी (अब झारखंड) में आदिवासी आंदोलन का नेतृत्व किया था. उनकी जयंती देश में बिरसा मुंडा जयंती के रूप में मनाई जाती थी जिसे बदलकर पिछले साल जनजातियों गौरव दिवस कर दिया गया. पूरे झारखंड में धरती आबा के नाम से मशहूर बिरसा मुंडा के जन्मदिन के मौके पर ही झारखंड की स्थापना दिवस भी है. झारखंड साल 2000 में बिहार से अलग हुआ था.
आदिवासी सेनानी जिन्होंने देश के लिए लगा दी जान
आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों का नाम आते ही सबसे पहले हमारे जहन भगवान बिरसा मुंडा का नाम दौड़ता है. लेकिन बिरसा मुंडा के अलावा और भी कई ऐसे गुमनाम आदिवासी नायक हुए हैं जिन्होंने भारत की एकता और अखंडता और इसकी संप्रभुता अक्षुण्ण रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. निम्नलिखित कुछ महान आदिवासी स्वतंत्रा सेनानी है जिनके अदम्य साहस और वीरता का ये देश हमेशा ऋणी रहेगा.