ईडी ने छत्तीसगढ़ में IAS समीर बिश्नोई समेत 3 कारोबारियों को मनी लॉन्ड्रिंग में गिरफ्तार किया गया भ्रष्टाचार को लेकर तत्कालीन मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री के बीच आरोप-प्रत्यारोप
छत्तीसगढ़ में बीते तीन दिनों से मनी लांड्रिंग मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आधिकारिक तौर पर कहा है कि अब तक की जांच में छह करोड़ रुपए कैश, गोल्ड और ज्वेलरी बरामद किए गए हैं. ईडी ने प्रेस रिलीज़ जारी करते हुए बताया है कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अपनी प्रेस रिलीज़ में बताया कि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2002 के तहत तलाशी अभियान चलाया गया था. अवैध उगाही और सबूतों को नष्ट करने की साज़िश को लेकर आयकर विभाग के दर्ज किए गए मामले के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग जांच शुरू की गई. छत्तीसगढ़ में कई स्थानों पर एक साथ तलाशी ली गई. विभिन्न संदिग्धों से आपत्तिजनक सबूत और बेहिसाब नकदी और आभूषण जब्त किए.ईडी ने कहा है कि शुरूआती जाँच में रायगढ़ कलेक्टर रानू साहू भी अपने सरकारी आवास से गायब पाई गईं थीं.प्रेस रिलीज़ में ईडी ने बताया कि जांच के दौरान लक्ष्मीकांत तिवारी के पास से 1.5 करोड़ रुपये नकद बरामद किया गया. उसने स्वीकार किया है कि वह रोजाना 1-2 करोड़ की जबरन वसूली करता था. ED ने कहा कि इंद्रमणि समूह के सुनील कुमार अग्रवाल, एक बड़ा कोयला व्यवसायी है, जो इस रैकेट में शामिल पाया गया.2009 बैच के आईएएस अधिकारी समीर विश्नोई और उनकी पत्नी के पास से 47 लाख रुपये की बेहिसाब नकदी और 4 किलो के सोने के आभूषण पाए गए हैं. आरोपियों को रायपुर पीएमएलए विशेष न्यायालय के समक्ष पेश किया गया, जहां से कोर्ट ने 8 दिनों की ईडी हिरासत और जांच की अनुमति दी है. ईडी ने कहा है कि पूरे मामले की जांच अब भी जारी है. घोटालों को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल लगातार रमन सिंह पर निशाना साध रहे हैं. अब एक बार फिर प्रियदर्शिनी बैंक घोटाले (Priyadarshini Bank scam) का जिन्न बाहर आ गया है. सीएम भूपेश ने पूर्ववर्ती सरकार पर निशाना साधते हुए सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया है. ये वीडियो बैंक प्रबंधक उमेश सिन्हा के नार्को टेस्ट (narco test) का है.वीडियो में पूर्ववर्ती सरकार द्वारा करोड़ों रुपये के घालमेल का दावा किया जा रहा है. जारी वीडियो में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह समेत तत्कालीन गृह और सहकारिता मंत्री रामविचार नेताम, बृजमोहन अग्रवाल, तत्कालीन वित्त मंत्री अमर अग्रवाल के अलावा डीजीपी ओपी राठौड़ समेत अन्य अधिकारियों के साथ करोड़ों रुपयों की लेनदेन की बात कही गई है. कुल 19 करोड़ रुपये का लेनदेन वीडियो में बताया गया है.वीडियो के मुताबिक 2007 में बैंक प्रबंधन और संचालक मंडल सदस्य ने 54 करोड़ रुपये से ज्यादा का घालमेल हुआ था. पुलिस और न्यायालय द्वारा जब बैंक प्रबंधक उमेश सिन्हा का नार्को टेस्ट कराया गया तो, उन्होंने खुलासा किया कि मामले को दबाने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री सहित कुल चार मंत्रियों को करोड़ो रुपये की घूस दी गई थी.9 करोड रुपए रीता तिवारी, दो करोड़ रुपयेसंगीता शुक्ला ,दो करोड़रुपये कांति उपाध्याय, 1करोड रुपये पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह, 1करोड रुपये रामविचार नेताम गृह मंत्री व सहकारिता मंत्री थे, 1करोड रुपये अमर अग्रवाल पूर्व वित्तमंत्री और 1करोड रुपये डीजीपी ओपी राठौर को दिए,