
गुपचुप तरीके से ऐसी कई गतिविधियां राजधानी में चल रही थी
रैकेट का भंडाफोड़ इसका एक हिस्सा भर है
नई दिल्ली- एक दो कमरे का अपार्टमेंट, कॉल सेंटर जैसा दिखने वाला सेटअप और आसानी से पैसे कमाने का लालच देकर इस तरह चार लोगों ने मिलकर कथित तौर पर 100 लोगों को पार्ट टाइम प्लेबॉय के तौर पर काम करने का लालच देकर अपनी जाल में फसा लिया था.
पुलिस के अनुसार उन्होंने डेटिंग ऐप टिंडर और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम, फेसबुक और व्हाट्सएप पर एक विज्ञापन डाला और उसमें लिखा पार्ट-टाइम प्लेबॉय सिर्फ 2 या तीन घंटे की सर्विस, 20,000 रुपये और उससे ज्यादा की आमदनी डायमंड एस्कॉर्ट सर्विस. हाई-प्रोफाइल क्लाइंट के साथ मजे करें और भारी पैसा कमाएं.
दिल्ली पुलिस ने उत्तर पश्चिम दिल्ली के हरिनगर में दो कमरे के अपार्टमेंट से उदित मेहरा, नेहा छाबड़ा, अर्चना आहूजा और कथित मास्टरमाइंड शुभम आहूजा को गिरफ्तार किया. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी एक साल से फर्जी जिगोलो सर्विस का संचालन कर रहा था. इन्होंने अपार्टमेंट किराए पर लिया हुआ था, जिसका हर महीने 17,000 रुपये किराया देते थे.
उनकी ठगी का शिकार होने वालों में अवनीत सिंह संधू भी शामिल थे. उन्हें इस साल मई में पैसे की सख्त जरूरत थी और वह मेल मसाजर बनने के लिए तैयार हो गए. 23 साल का यह युवक आरोपी के पास यह सोचकर पहुंचा कि वह कुछ आसान तरीकों से पैसा कमा लेगा. लेकिन उसे पता नहीं था कि अगले तीन दिनों में उसे 47 हजार रुपये का नुकसान होने वाला है.
संधू ने बताया कि आरोपी ने संपर्क करने के तुरंत बाद उससे उसके शरीर का माप और एक तस्वीर मांगी. उसके बाद कहा गया कि वे उन विवरणों को अपने ग्राहकों के साथ साझा करेंगे. उन्होंने उससे कहा कि ग्राहक से मिलाने के लिए एक शॉफर यानी ड्राइवर उसे एक होटल में ले जाएगा, जहां उसे काम करना होगा.
शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि आरोपी ने पहले उससे 3,500 रुपये का पंजीकरण शुल्क मांगा. उसके बाद मसाज किट के लिए 12,600 रुपये, आईडी कार्ड के लिए 15,500 रुपये, होटल के कमरे के किराए के लिए 9,400 रुपये मांगे. उसे बताया गया कि एक बार ग्राहक के संतुष्ट होने के बाद उसे काफी अच्छा पैसा दिया जाएगा. संधू ने पेटीएम से आरोपी को सारे पैसों का भुगतान कर दिया.
उसके बाद कई महीनों तक वह इंतजार करता रहा लेकिन उसके पास कोई कॉल नहीं आया. अब उसे एहसास होने लगा था कि उसे ठगा गया है. वह शिकायत दर्ज कराने के लिए पुलिस के पास पहुंचा.
बयान देने आगे नहीं आ रहे पीड़ित
छापेमारी में शामिल पुलिस अधिकारियों ने कहा कि आरोपी ने जिस दो कमरों के अपार्टमेंट को किराए पर लिया हुआ था, वह मिनी कॉल सेंटर जैसा दिखता था. पुलिस ने अपार्टमेंट से दस्तावेज, एक लैपटॉप, सात मोबाइल फोन, कई एटीएम कार्ड और बिजनेस कार्ड भी बरामद किए हैं, जिन पर एस्कॉर्ट सर्विसेज लिखा हुआ है.
प्रारंभिक जांच से पता चला है कि आरोपी ने कथित तौर पर 100 लोगों को ठगा है. लेकिन संधू के अलावा पीड़ितों में से कोई भी समाज में बदनामी के डर से अधिकारिक बयान देने के लिए आगे आने को तैयार नहीं है.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी ने विज्ञापन में लिखा था कि नेहा या अर्चना से संपर्क करे और वे ही पीड़ित को अलग-अलग बैंक खातों में भुगतान करने के तरीके के बारे बताती थीं.
उन्होंने कहा मामले में कई और लोग भी ठगी का शिकार हुए हैं लेकिन अभी तक कोई सामने नहीं आया है. पुलिस ने अब तक उनमें से 10-12 लोगों से संपर्क किया, लेकिन उन्होंने बयान देने से इनकार कर दिया.
पुलिस ने कहा कि आरोपी शुभम आहूजा और उदित मेहरा एक कॉल सेंटर में एक साथ काम करते थे. वे दोनों 20,000 रुपये हर महीने लेते थे, जबकि अंग्रेजी और हिंदी में धाराप्रवाह बात करने वाली लड़कियों को 15,000 रुपये का भुगतान किया जाता था. दोनों लड़के अभी भी न्यायिक हिरासत में हैं जबकि लड़कियां जमानत पर बाहर हैं.
पुलिस अधिकारियों ने यह भी खुलासा किया कि उन्होंने संधू की ओर से की गई पेमेंट डिटेल को खंगाला और तकनीकी विवरणों का विश्लेषण किया. साथ ही गिरोह के ठिकाने का पता लगाने के लिए अपने मुखबिरों पर भरोसा किया.
सूत्रों ने कहा कि सबसे पहले मेहरा को उसके घर से गिरफ्तार किया गया था. फिर उसने पुलिस को बताया कि इस रैकेट में तीन अन्य लोग भी उसके साथ शामिल हैं.
गुपचुप तरीके से ऐसी कई गतिविधियां राजधानी में चल रही हैं और इस रैकेट का भंडाफोड़ इसका एक हिस्सा भर है. इस साल जून में दिल्ली पुलिस ने रोहिणी से दिल्ली विश्वविद्यालय के एक स्नातक को आठ महिला टेली कॉलर की मदद से इंडियन जिगोलो नाम से एक समान रैकेट चलाने के आरोप में गिरफ्तार किया था.